Welcome to JCILM GLOBAL

Helpline # +91 6380 350 221 (Give A Missed Call)

मसीह का क्रूस हमारे लिए विजय है..!
मसीह का क्रूस पाप पर परमेश्वर के न्याय का प्रकट किया गया सत्य है।
क्रूस वह स्थान था जहां ईश्वर और पापी व्यक्ति एक जबरदस्त टक्कर में विलीन हो गए और जहां जीवन का मार्ग खुला। लेकिन टक्कर की सारी कीमत और दर्द परमेश्वर के दिल में समा गया था..
शहादत के विचार को कभी भी मसीह के क्रूस से न जोड़ें। यह सर्वोच्च विजय थी, और इसने नर्क की नींव को ही हिला कर रख दिया।
यीशु मसीह ने क्रूस पर जो कुछ किया उससे अधिक निश्चित और अकाट्य (अविश्वसनीय) समय या अनंत काल में कुछ भी नहीं है— उसने पूरी मानव जाति के लिए परमेश्वर के साथ एक सही संबंध में वापस लाना संभव बनाया।
उसने छुटकारे को मानव जीवन की नींव बनाया; अर्थात्, उसने प्रत्येक व्यक्ति के लिए परमेश्वर के साथ संगति करने का मार्ग बनाया।
क्रूस कुछ ऐसा नहीं था जो यीशु के साथ हुआ था—वह मरने के लिए आया था; क्रूस पर आने का उनका उद्देश्य था। वह “जगत की उत्पत्ति से घात किया गया मेमना” है” (प्रकाशना. 13:8)..
क्रूस के बिना मसीह के अवतार का कोई अर्थ नहीं होगा।
“परमेश्वर देह में प्रकट हुआ था…” को “…उसने उसे बनाया…हमारे लिए पाप होने के लिए” को अलग करने से सावधान रहें…” (1 तिमोथी 3:16 ; 2 कुरिंथियो 5:21)..
अवतार का उद्देश्य मोचन था। परमेश्वर देह में पाप को दूर करने के लिए आया था, अपने लिए कुछ करने के लिए नहीं..
क्रॉस अपने स्वभाव का प्रदर्शन करने वाला ईश्वर है। यह वह द्वार है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति ईश्वर के साथ एकता में प्रवेश कर सकता है।
मोक्ष प्राप्त करना इतना आसान होने का कारण यह है कि इसमें भगवान को इतना खर्च करना पड़ता है।
उनकी पीड़ा हमारे उद्धार की सरलता का आधार थी..
“मसीह ने हमारे पापों के लिए हमेशा के लिए एक बार दुख उठाया। उसने कभी पाप नहीं किया, लेकिन वह पापियों के लिए मर गया ताकि आपको सुरक्षित रूप से परमेश्वर के घर ले आए। उसने शारीरिक मृत्यु का सामना किया, लेकिन वह आत्मा में जीवन के लिए जी उठा।…”(1 पतरस 3:18)

Archives

February 23

And let us consider how we may spur one another on toward love and good deeds. Let us not give up meeting together, as some are in the habit of

Continue Reading »

February 22

Yet the Lord longs to be gracious to you; he rises to show you compassion. For the Lord is a God of justice. Blessed are all who wait for him! —Isaiah 30:18 God

Continue Reading »

February 21

A person of many companions may come to ruin, but there is a friend who sticks closer than a brother or sister. —Proverbs 18:24. Close spiritual friends are rare —

Continue Reading »