जब विचार हमारे दिमाग में घूमते हैं (चारों ओर घूमते रहते हैं) तो हम अक्सर उन्हें तथ्यों की तरह मानने की गलती करते हैं।
हम जो सोचते हैं वह हमेशा सटीक नहीं होता – तभी हमें इसे परमेश्वर के वचन के विरुद्ध खड़ा करना चाहिए और उन्हें बंदी बना लेना चाहिए।
जितना बेहतर आप बाइबल को जानते हैं यह प्रक्रिया उतनी ही आसान होती जाती है..
अपनी स्थिति के अनुसार बाइबल की एक वचन को ले और उसे अपने सामने रखें। इसे देखें, बोले, इसे याद करें, इसके बारे में जितनी बार जरूरत हो, हर दिन अपने विचारों को कैद करने के लिए ध्यान करें..
वचन को रिकॉर्ड करें, इसे दोहराने बार बार बजाएं और इसे बजाए जाने के रूप में सुनें।
अपनी नकारात्मक आत्म-चर्चा को स्वयं परमेश्वर के वचन/स्वयं परमेश्वर की पुष्टिओं से बदलें।
ईश्वर की शक्ति किसी भी चीज़ से अधिक शक्तिशाली है और जब आप उन नकारात्मक विचारों से लड़ने के लिए उनके हथियार का उपयोग करते हैं, तो जीत निश्चय ही आप की होगी !..
बाइबिल की पुष्टि हमारे विचारों को बंदी बनाने के लिए मसीह का पालन करने के लिए पवित्रशास्त्र का उपयोग है।
इसका अर्थ है शत्रु, शैतान के झूठ को मोड़ना और उसके स्थान पर परमेश्वर के वचन की सच्चाई को लाना।
“आप जो सोचते हैं उसके बारे में बहुत सावधान रहें। आपके विचार आपका जीवन चलाते हैं.….”(सूक्ति 4:23)
March 31
Now to him who is able to do immeasurably more than all we ask or imagine, according to his power that is at work within us, to him be glory