यहां तक कि जब आपके सामने असहनीय समस्याएं आती हैं, तो अपना ध्यान ईश्वर के चरित्र और उनके प्रतिज्ञाओं पर केंद्रित करें।
आपकी समस्याएँ इतनी बड़ी हो सकती हैं कि आप उन्हें संभाल न सकें, लेकिन वे हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर के लिए बड़ी नहीं हैं..!
अपना नजरिया बदलो – प्रभु पर फिर से ध्यान केंद्रित करें.!!
“हे यूदा और यरूशलेम के सब लोगों, और हे राजा यहोशापात, तुम भी चौकस रहो! यहोवा तुम से यह कहता है: ‘डरना बंद करो, और इस विशाल आक्रमण बल के कारण निराश होना बंद करो, क्योंकि लड़ाई तुम्हारी नहीं है, बल्कि ईश्वर की है।……”(2 इतिहास 20:15)
June 2
What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?