ईर्ष्या, क्रोध, नाराजगी और असुरक्षा सब भय में उबल जाते हैं..!
और आमतौर पर इसका आपसे बहुत कम लेना देना होता है और दूसरों और उनके अपने जीवन के बारे में अधिक होता है..
वे शायद अपने जीवन की तुलना आपके साथ कर रहे हैं और डरते हैं कि वे माप नहीं पाएंगे।
“भयभीत मन वालों से कहो, “मजबूत बनो, और मत डरो, क्योंकि तुम्हारा ईश्वर तुम्हें बचाने आया है” ….”(इसायाह 35:4)
April 27
“In your anger do not sin”: Do not let the sun go down while you are still angry, and do not give the devil a foothold. —Ephesians 4:26-27. Pent-up anger