परीक्षा के समय में आपको कोशिश करते रहना है..
जीवन उन चीजों से भरा हुआ है जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, और बहुत से लोग उन्हें उस सपने का पीछा करने से रोकते हैं जिसे परमेश्वर ने उनके दिल में रखा है।.
बेकाबू परिस्थितियों और समस्याओं के बीच में, परमेश्वर के लिए अपना जीवन जीना सीखो और वह करो जो उसने तुम्हें करने के लिए बुलाया है..
हो सकता है कि आप वह सब कुछ न कर पाएं जो आप अभी करना चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ नहीं कर सकते..
नियंत्रणों को नियंत्रित करें और बाकी के लिए ईश्वर पर भरोसा करें..!
आप अपने दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं, आपकी प्रतिक्रिया कैसी है, और आप परमेश्वर पर कितना भरोसा करते हैं। वो आपकी पसंद हैं..
क्या आपने कोशिश करना बंद कर दिया है?
ईश्वर धर्मी के चरणों का पथ प्रदर्शन करते हैं।
वह उनके जीवन के हर विवरण में प्रसन्न होता है।
चाहे वे ठोकर खाएँ, वे कभी नहीं गिरेंगे,
क्योंकि प्रभु उन्हें हाथ से थामे रहता है..
“हार मत मानो और मुसीबत के समय असहाय बनो।”…..”(सूक्ति ग्रंथ 24:10)
June 2
What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?