हमारे सबसे बड़े दुश्मन हमसे बाहर नहीं हमारे भीतर हैं..!
हमारा सबसे बड़ा दुश्मन नफरत और विद्रोह है जो हमसे, और हमारा ‘विश्वास का सरसों का बीज’ से आगे निकल जाता है•••
अपने चोट के दर्द को अपने ऊपर हावी न होने दें या गुमराह न होने दें।.
अपना विश्वास बोलें जो शैतान का विरोध करने के लिए परमेश्वर के वादों में निहित और आधारित है और वह भाग जाएगा।
क्योंकि विश्वास यीशु मसीह में रखा गया है – यह हमें हमारे पापों पर विजय प्रदान करता है।
“आप देखते हैं, ईश्वर की हर संतान पर विजय प्राप्त करता है, क्योंकि हमारा विश्वास वह विजयी शक्ति है जो संसार पर विजय प्राप्त करती है. तो संसार पर विजय कौन प्राप्त करता है,विजेता कौन हैं,जो इस शक्ति को पराजित करता है? जो लोग मानते हैं कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है.….”(1 योहन 5:4-5)
June 21
How great is your goodness, which you have stored up for those who fear you, which you bestow in the sight of men on those who take refuge in you.