परमेश्वर हमें परीक्षा में नहीं डालता परन्तु हमें परीक्षाओं से गुजरने देता है। परीक्षा हमें तोड़ने या हिला देने के लिए नहीं होते हैं बल्कि हमें परिपक्वता और धैर्य के साथ अगले स्तर तक ले जाते हैं।
एक छात्र बिना परीक्षा पास किए अगली कक्षा में नहीं जाता और न ही धावक बिना दौड़ के ताज जीतता है..
मेरे साथी विश्वासियों, जब ऐसा लगता है कि आप केवल कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो इसे सबसे बड़े आनंद का अनुभव करने के लिए एक अमूल्य अवसर के रूप में देखें जो आप कर सकते हैं! क्योंकि तुम जानते हो, कि जब तुम्हारे विश्वास की परीक्षा होती है, तब वह तुम में धीरज की सामर्थ उत्पन्न करता है। और फिर जैसे-जैसे आपका धीरज और भी मजबूत होता जाएगा, यह आपके अस्तित्व के हर हिस्से में पूर्णता को तब तक जारी करेगा जब तक कुछ भी नहीं छूटेगा और कुछ भी कमी नहीं होगी•••••
जो कुछ बहुत पहले लिखा गया था वह हमें सिखाने के लिए लिखा गया था ताकि हमें उस धीरज और प्रोत्साहन के माध्यम से विश्वास हो जो शास्त्र हमें देता है••••
“यह इसलिए होता है कि आपका विश्वास परिश्रमिक खरा निकले। सोना भी तो आग में तपाया जाता है और आपका विश्वास नश्वर सोने से कहीं अधिक मूल्यवान है। इस प्रकार ईसा मसीह के प्रकट होने के दिन आप लोगों को प्रशंसा, सम्मान तथा महिमा प्राप्त होगी•••••
( 1पेत्रुस 1:7)
June 2
What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?