आपका जीवन आपके शब्दों की दिशा का अनुसरण करता है••••!
अपनी परिस्थिति पर विश्वास के शब्दों की घोषणा करें और देखें कि ईश्वर आपके जीवन के मृत और सूखे स्थानों में जीवन लाते हैं••••
क्योंकि वे पवित्र शास्त्र हैं, इन प्रतिज्ञानों में शक्ति है..!!
ईश्वर ने मुझसे हमेशा के लिए कहा,
“आपको जितनी शक्ति और सामर्थ्य की आवश्यकता है वह मुझ से प्रवाहित होती है!”
ऐसा ही मेरा वचन होगा
मेरा वचन मेरे मुख से निकल कर व्यर्थ ही मेरे पास नहीं लौटती। मैं जो चाहता था, वह उसे कर देती है और मेरा उद्देश्य पूरा करने के बाद ही वह मेरे पास लौट आती है•••
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित और सक्रिय है और शक्ति से भरपूर है जो इसे सक्रिय, स्फूर्तिदायक और प्रभावी बनाता है। यह किसी भी दुधारी तलवार की तुलना में तेज है, जहां ये आत्मा को भेदता और आत्मा का विभाजन करता, एक व्यक्ति की पूर्णता, और दोनों जोड़ों और मज्जा, हमारी प्रकृति के सबसे गहरे हिस्से, में प्रवेश करती और उसे उजागर करती है। जो हमारे दिल के विचारों और इरादों को आंकता है•••••
उसके वचन बोलो, उसके वचन की घोषणा करो , क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवन है•••••
“इस पर प्रभु ने मुझ से कहा, “इन हाड्डियों से भवियवाणी करो। इन से यह कहो, ’सूखी’ हड्डियो! प्रभु की वाणी सुनो। प्रभु-ईश्वर इन हड्डियों से यह कहता है: मैं तुम में प्राण डालूँगा और तुम जीवित हो जाओगी।….”(एज़ेकिएल 37:4–5)
February 5
This is love: not that we loved God, but that he loved us and sent his Son as an atoning sacrifice for our sins. —1 John 4:10. God loved us