परमेश्वर के वचन के माध्यम से हर संभव प्रयास करें जिससे कि किसी भी विपरीत परिस्थिति का विरोध करने वाली मनोवृत्ति विकसित हो सके..!
अपनी बुलाहट की पूर्णता में आने का तरीका यह है कि परमेश्वर ने आपके बारे में जो कुछ कहा है, उसके साथ अपनी पहचान बना लें; निडर और निडर..
डर के दूसरी तरफ मकसद, पूर्ति और आजादी का इंतजार है..
ये वो जीतें हैं जो तब उपलब्ध होती हैं जब हम अपना मन ऊपर की बातों पर लगाते हैं, यह याद रखते हुए कि मसीह में सब कुछ संभव है।
भगवान की छवि में बने, आप निर्भीक, मजबूत, साहसी – निडर होने के लिए बनाए गए थे!
विश्वास का मतलब यह नहीं है कि आपको डर नहीं होगा, लेकिन यह निर्धारित करता है कि आप डर के साथ क्या करते हैं। डर, अनियंत्रित छोड़ दिया, विश्वास को चकनाचूर कर देता है और विश्वास को रौंद देता है..
दूसरी ओर, विश्वास भय को दबाता है, ईश्वर और उसकी क्षमता में विश्वास पैदा करता है। वही है जो आपके साथ जाता है, आपके दुश्मन से लड़ता है, और आपको जीत दिलाता है..
आज आप घबराएं नहीं। इसके बजाय, इस वादे को अपने डर पर मुहर लगाने दें..
मैं यहोवा हूँ, तेरा पराक्रमी परमेश्वर!
मैं तुम्हारा दाहिना हाथ पकड़ता हूँ और तुम्हें जाने नहीं दूँगा!
मैं आपसे फुसफुसाता हूं:
‘डरो मत; मैं यहां आपकी सहायता के लिए हूं!’
याकूब, हालाँकि आप एक ग्रब कीड़ा की तरह महसूस करते हैं, लेकिन डरो मत!
हे इस्राएल के पुरुषों, मैं तुम्हारी सहायता के लिए यहां हूं!
मैं तुम्हारा परिजन-उद्धारकर्ता हूं,
इस्राएल का पवित्र एक!..
“याद रखें कि मैंने आपको दृढ़ निश्चयी और आत्मविश्वासी होने की आज्ञा दी है! डरो या निराश मत हो, क्योंकि मैं, तुम्हारा परमेश्वर यहोवा, जहाँ कहीं तुम जाओगे, तुम्हारे साथ हूँ। ”……” (जोशुआ 1:9)
June 2
What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?