जब आप किसी व्यक्ति की सफलता का जश्न मनाते हैं तो आप भगवान को दिखा रहे होते हैं कि आप अपने लिए तैयार हैं..
आप जिस चीज की सराहना करते हैं, उसकी सराहना करते हैं ..!
इसलिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करो और एक दूसरे का निर्माण करो, जैसा तुम कर रहे हो।
एक दूसरे के प्रति दयालु बनो, कोमल हृदय, एक दूसरे को क्षमा करो, जैसे कि मसीह में ईश्वर ने तुम्हें क्षमा किया•••
प्रतिद्वंद्विता या दंभ से कुछ भी न करें, लेकिन नम्रता से दूसरों को अपने से अधिक महत्वपूर्ण समझें. आप में से प्रत्येक न केवल अपने हित के लिए बल्कि दूसरों के हितों को भी देखें••••
“परमेश्वर की सामर्थ के आधीन अपने आप को दीन करो, और वह ठीक समय पर तुम्हें आदर के साथ ऊपर उठाएगा…” (1 पतरस 5:6)
February 23
And let us consider how we may spur one another on toward love and good deeds. Let us not give up meeting together, as some are in the habit of