जब ईश्वर ने हमें प्रार्थना का उपहार दिया, तो उन्होंने हमें अपनी वास्तविकता को बदलने की शक्ति दी•••
जैसा कि हम घोषणा करते हैं कि परमेश्वर अपने वचन के माध्यम से हमारी किसी भी परिस्थिति के बारे में क्या कहता है, परिवर्तन प्रक्रिया परमेश्वर की चमत्कार-कार्य शक्ति का अनावरण करना शुरू कर देती है•••
जब आप संघर्ष करते हैं तो प्रभु हिलते नहीं हैं; जब आप विश्वास के साथ प्रार्थना करते हैं तब प्रभु हमारे लिए हिलता है••••!!
परमेश्वर के कार्य कभी भी आपकी आवश्यकता के अनुपात में नहीं होते हैं, बल्कि उनके बारे में आपके ज्ञान के अनुपात में होते हैं••••
ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – यदि तुम्हें विश्वास हो और तुम संदेह न करो, तो तुम न केवल वह करोगे, जो मैं अंजीर के पेड़ के साथ कर चुका हूँ, बल्कि यदि तुम इस पहाड़ से यह कहो – ’उठ, समुद्र में गिर जा’, तो वैसा ही हो जायेगा और जो कुछ तुम विश्वास के साथ प्रार्थना में माँगोगे, वह तुम्हें मिल जायेगा।”” (मत्ती 21:21-22)
April 27
“In your anger do not sin”: Do not let the sun go down while you are still angry, and do not give the devil a foothold. —Ephesians 4:26-27. Pent-up anger