कृपा वही है जो परमेश्वर करता है क्योंकि वह कृपालु है..!
कृपा परमेश्वर की इच्छा है कि हम उसकी शक्ति, उसकी क्षमता, आप पर और मेरी ओर से उसके अधिकार का उपयोग करे, भले ही हम इसके लायक न हों•••
हमारे प्रति प्रभु के प्रत्येक कार्य में उनकी कृपा शामिल होती है..
उनकी कृपा को जानने के लिए हमें उनका ज्ञान होना चाहिए..
परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु के ज्ञान के द्वारा तुम पर अनुग्रह और शान्ति बढ़ती जाए•••
उसकी रचना, उसका विधान, पापी के प्रति उसका विश्वास, उसका उद्धार का उपहार, संतों को उसकी सुसज्जित करना, और भविष्य जो उसने हमारे लिए तैयार किया है; यह सब ईश्वर की कृपा है..
तो आइए हम निडर होकर अपने अनुग्रहकारी परमेश्वर के सिंहासन पर आएं।q वहाँ हम उसकी दया प्राप्त करेंगे, और जब हमें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होगी, तब हमें सहायता करने के लिए अनुग्रह मिलेगा।
“ईश्वर का अटूट प्रेम और दया अभी भी जारी है, सुबह की तरह ताजा, सूर्योदय के रूप में निश्चित …” (विलाप) 3:22-23)
February 23
And let us consider how we may spur one another on toward love and good deeds. Let us not give up meeting together, as some are in the habit of