जब आप उस चीज़ पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो परमेश्वर ने आपके भविष्य के बारे में कहा है, उसके वचन में, वह ध्यान, वह दृष्टि, वह विश्वास और कार्य, जो इसे प्रकट करने के लिए आवश्यक है•••
बाधाओं की परवाह किए बिना एक केंद्रित रवैया बनाए रखना, आपको तब तक हार नहीं मानने के लिए सशक्त करेगा जब तक आप सफल नहीं हो जाते•••
जब आपके आस-पास की दुनिया बिखर रही हो, तो सच्चा विश्वास ईश्वर पर उसके वचन पर ध्यान केंद्रित करना है••••
जब आप अपने विचारों को ईश्वर पर स्थिर करते हैं, तो ईश्वर आपके विचारों को ठीक करता है•••
ईश्वर पर अपना ध्यान केंद्रित करे , न कीअपनी समस्या पर । अपने वचन के द्वारा ईश्वर जो कहना चाहते है उसको सुनने की कोशिश करो की सुनो, अपनी समस्याओं की नहीं। ईश्वर पर निर्भर रहो न कि स्वयं के बल पर•••
आप शेर की तरह चिल्ला सकते हैं लेकिन अपने ईश्वर से एक बात नहीं कह सकते। आप चिल्ला सकते हैं और बड़ी बड़ी प्रार्थना कर सकते हैं, लेकिन आपकी प्रार्थना कभी भी स्वर्ग को नहीं छूएगी। अपने आप को जांचो! क्या आप सिर्फ शब्दों को इधर-उधर फेंक रहे हैं या आप ध्यान केंद्रित कर रहे हैं? ईश्वर हृदय को देखता है••
ऐसे लोग हैं जो घूम सकते हैं और दोहराए जाने वाली बातें कह सकते हैं और एक बार भी भगवान के बारे में नहीं सोचते हैं। क्या आपका हृदय आपके मुंह से निकलने वाले शब्दों से मेल खाता है?..
उस पर अधिक ध्यान देने के लिए लड़ें! वित्त नहीं, परिवार नहीं, मंत्रालय नहीं, बल्कि इस पर ध्यान दे••••. .
ईश्वर केसाथ मेरा रिश्ता मेरी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए•••
मुझे पता है कि अगर मैं इसका ख्याल रखूंगा, तो ईश्वर सब कुछ संभाल लेंगे•••
तो मेरे मुंह के शब्द, मेरे ध्यान-विचार, और मेरे दिल की हर हरकत हमेशा शुद्ध और मनभावन हो, तेरी आँखों के सामने स्वीकार्य, परमेश्वर, मेरा एकमात्र उद्धारकर्ता, मेरा रक्षक ..
वह मेरा भक्त है, इसलिए मैं उसका उद्धार करूँगा; वह मेरा नाम जानता है, इसलिए मैं उसकी रक्षा करूँगा।
यदि वह मेरी दुहाई देगा, तो मैं उसकी सुनूँगा, मैं संकट में उसका साथ दूँगा; मैं उसका उद्धार कर उसे महिमान्वित करूँगा।
मैं उसे दीर्घ आयु प्रदान करूँगा और उसे अपने मुक्ति-विधान के दर्शन कराऊँगा।.”(स्त्रोत्र ग्रन्थ 91:14-16)
January 15
Know that the Lord is God. It is he who made us, and we are his; we are his people, the sheep of his pasture. —Psalm 100:3. God made us and