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ईसाई आध्यात्मिक शत्रुता की दुनिया में हैं जहां हमारे विश्वास से समझौता करने का प्रलोभन हर दिन हमारे साथ होता है•••••
समझौता किए गए जीवन के साथ जीने की अपेक्षा सत्यनिष्ठा के साथ मरना कहीं अधिक बेहतर है •••••
धरती पर कुछ भी नर्क में जाने लायक नहीं है..!
सत्यनिष्ठा वाले लोग सुरक्षित चलते हैं, लेकिन टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर चलने वाले बेनकाब हो जाते हैं..
सत्यनिष्ठा पर चलने वाला निर्धन व्यक्ति उस धनवान से अच्छा है जो टेढ़े मेढे रास्तों पर चलता है••••
अगर आप सही काम करते हैं, तो आपकी ईमानदारी आपका मार्गदर्शक होगी। लेकिन अगर आप कुटिल हैं, तो आप अपनी ही बेईमानी में फंस जाएंगे•••••
प्रभु सब झूठों से बैर रखता है, परन्तु वह उन सबका मित्र है जिस पर भरोसा किया जा सकता है•••••
धर्मी व्यक्ति जो सत्यनिष्ठा में चलता है और अपने ईश्वरीय विश्वासों के अनुसार जीवन जीता है – उसके बाद उसके संतान कितने धन्य, खुश और आध्यात्मिक रूप से सुरक्षित हैं, जिनके पास उसका अनुसरण करने के लिए उदाहरण है।
अपना अंतःकरण साफ रखें। तब यदि लोग आपके विरोध में बातें करेंगे, तो जब वे देखेंगे कि आप कितना अच्छा जीवन जीतें है, तो वे लज्जित होंगे, क्योंकि आप मसीह के है..

“हे मेरे प्रभु, मैं यह जानता हूं, कि तू हमारे हृदयों की थाह लेता है, और हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है। ….(1 इतिहास 29:17‬)

Archives

February 5

This is love: not that we loved God, but that he loved us and sent his Son as an atoning sacrifice for our sins. —1 John 4:10. God loved us

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February 4

This is how God showed his love among us: He sent his one and only Son into the world that we might live through him. —1 John 4:9. Showing love

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February 3

Whoever does not love does not know God, because God is love. —1 John 4:8 An unloving person doesn’t know God. It’s that simple. Enough said. No more words are

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