हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां सच को झूठ से बदल दिया गया है, और झूठ सच हो गया है; सच की जगह भावनाओं ने ले ली है. और झूठ के पिता को उन स्थानों पर आक्रमण करने की अनुमति दी है जो परमेश्वर के राज्य के हैं।
परमेश्वर के वचन पर खड़े रहने का प्रण लो क्योंकि यह एकमात्र सत्य है, और यह कभी भी व्यर्थ नहीं लौटता है।!
परमेश्वर के प्रत्येक वचन को परखा और शुद्ध किया जाता है; वह उन लोगों के लिए एक ढाल है जो उस पर भरोसा करते हैं और उसकी शरण लेते हैं।
उसके वचनों में कुछ न जोड़ें, कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हारी निंदा करे , और तुम्हें झूठा ठहराए•••••
हे प्रभु, मैं ने तुझ से दो बातें मांगी हैं; मेरे मरने से पहिले मुझे इन्कार न करना:
अधर्म और झूठ को मुझ से दूर कर; मुझे न दरिद्रता दे और न धन; मुझे वह भोजन खिलाओ जो मेरे लिए आवश्यक है,
कहीं ऐसा न हो कि मैं तृप्त होकर तुझे इन्कार करके कहूं, कि परमेश्वर कौन है? या ऐसा न हो कि मैं निर्धन हो जाऊं और चोरी करूं, और मेरे ईश्वरका नाम अपवित्र हो जाए•••••
“जहाँ तक परमेश्वर का प्रश्न है, उसका मार्ग निर्दोष है ईश्वर के वचन की परीक्षा होती है [वह परिपूर्ण है, वह निर्दोष,वह विश्वसनीय है]; वह उन सभी के लिए एक ढाल है जो उसकी शरण लेते हैं।”……”( स्त्रोत ग्रंथ 18:30)
May 3
Do not be quick with your mouth, do not be hasty in your heart to utter anything before God. God is in heaven and you are on earth, so let