ईश्वर की कृपा जलन और आलोचना लेकर आती है••••!
जब आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हुए दुनिया में एक बड़ा प्रभाव डाल रहे हैं, तो वे आपके बारे में बात करेंगे और आपकी आलोचना करेंगे चाहे आप कितने भी अच्छे और ईमानदार क्यों न हों।
रक्षात्मक या विरोधी मत बनो (अरुचि व्यक्त करने)••••
बस इस बात का ध्यान रखें कि ईश्वरआप को जो देना चाहता है वो इंसान आपसे नहीं ले सकता•••!!
इसलिए, जब आप पर अत्यधिक अनुग्रह हो, तो धैर्य रखें और उनकी क्षुद्र ईर्ष्या और आलोचनाओं को सहन करें, जैसा कि ईश्वर ने वादा किया है कि जो लोग आपको गलत ठहराते हैं, वे वैसे भी छितरा जाएंगे••••
“दुष्टों को देखकर मत झुझलाओं ,कुकर्मियों से इर्ष्या मत करो; क्योंकि वे घास की तरह जल्दी मुरझाएंगे और हरियाली की तरह कुम्हलाएंगे। …..”(सूक्ति ग्रंथ 37:1-2)
May 24
To him who is able to keep you from falling and to present you before his glorious presence without fault and with great joy — to the only God our