हर रोज़ हर दिन हम, हर रिश्ते में बीज बोते हैं•••••!
एक शांतिदूत बनने के लिए, हमें परमेश्वर की प्रज्ञा का पालन करना चाहिए, और चूँकि परमेश्वर की प्रज्ञा उसके वचन में प्रकट होती है, पवित्रशास्त्र का अध्ययन करना हमारे पास ज्ञान में बढ़ने के लिए सबसे प्रभावी साधनों में से एक है•••••
मेरे मित्र क्या आप दूसरों का न्याय करते हो? आपके पास कोई बहाना नहीं है, चाहे आप कोई भी हों। क्योंकि जब आप दूसरों का न्याय करते हैं और फिर वही काम करते हैं जो वे करते हैं, तो आप स्वयं की निंदा करते हो•••••••
आप हमेशा ईश्वर को प्रिय हो और वह अपने प्रेम द्वारा आप उसके प्रिय हो हैं! तो अपने आप को ईश्वर के गुणों के साथ तैयार करें, क्योंकि आपको पवित्र होने के लिए दिव्य रूप से चुना गया है••••••
जब आप दूसरों को समझने का प्रयास करते हैं तो दयालु बनें और सभी के प्रति दया दिखाते हुए दयालु बनें•••••
दूसरों के साथ अपने धैर्य में नम्र और विनम्र, अप्रतिरोध्य रहें••••••
विश्वास के साथ परिवार के लोगों की कमजोरियों को सहन करें, एक दूसरे को क्षमा करें जैसे येशु मसीह ने आपको अपनी दया से क्षमा किया है•••••
यदि आप किसी में दोष पाते हैं, तो उन्हें क्षमा का यही उपहार देकर छोड़ दें। प्रेम ही सर्वोच्च है और यह गुण प्रत्येक के माध्यम से प्रवाहित होना चाहिए•••••
प्रेम सच्ची परिपक्वता की निशानी बन जाता है••••••
धन्य हैं वे, जो मेल कराते है; वे ईश्वर के पुत्र कहलाएंगे••••••
“धार्मिकता शांति के क्षेत्र में बोयी जाती है और शान्ति स्थापित करने वाले उसका फल प्राप्त करते है••••••”(याकूब 3:18)
April 2
But God chose the foolish things of the world to shame the wise; God chose the weak things of the world to shame the strong. —1 Corinthians 1:27. The Cross