लोग हमें उन वादों से निराश करते हैं जिन्हें निभाने का उनका कोई इरादा नहीं है•••••••••
कुछ लोग किसी दूसरे व्यक्ति को नीचा दिखाने या बिगाड़ने की साजिश और योजना भी बनाते हैं, जिन्हें इस बात का भरोसा हो कि प्रभु उन्हें कहाँ ले जा रहे हैं•••••
किसी पर भरोसा न करें- उनके पास वह आपूर्ति नहीं है जिसकी हमें आवश्यकता है जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्ष निराश हैं•••••••••
ईश्वर ही हमारा एकमात्र स्रोत है••••
याद रखें कि आपकी अनुमति के बिना कोई आपको हीन महसूस नहीं करवा सकता और कोई भी आपके दिमाग में आपके सिर के साथ खिलवाड़ करने के लिए जगह किराए पर नहीं ले सकता, जब तक कि आप उन्हें अनुमति नहीं देते••••••••
प्रभु में अपना भरोसा रखें और परमेश्वर के आश्वासनों और प्रतिज्ञाओं पर टिके रहें – वही एकमात्र व्यक्ति है जो वास्तव में आपकी सफलता में सबसे अधिक निवेशित है..!
“तुम प्रभु पर अपना भर छोड़ दो, [वह अपना भार छोड़ कर] वह तुम्हें लगातार सम्भालेगा;] धर्मी को कभी भी विचलित नहीं होने देगा (फिसलने, गिरने, या असफल होने के लिए)……”( स्त्रोत ग्रंथ 55:22)
June 2
What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?