Welcome to JCILM GLOBAL

Helpline # +91 6380 350 221 (Give A Missed Call)

नया नियम अराजक घटनाओं को चुनौती देने वाले मसीह यीशु की गवाही देता है—जो अशांत तूफान, हिंसा, गंभीर बीमारी, आदि के रूप में प्रगट – शांति, शक्ति और स्वास्थ्य के दैवीय नियमों का प्रदर्शन करके..
आध्यात्मिक अधिकार और निडरता के साथ, यीशु ने ईश्वर के सत्य, सदभाव के नियम को सर्वोच्च साबित किया।
सत्य का प्रकाश यहां किसी भी अंधकारमय स्थिति में सामंजस्य लाने के लिए है।
दिव्य प्रेम का आराम और मार्गदर्शन, इसमें शामिल सभी लोग शामिल हैं।
ईश्वरीय सिद्धांत के नियमों का पालन करने से भय और धार्मिक परिणामों से सुरक्षा मिलती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारी भविष्य की योजनाओं को क्या खतरा है, हम प्रस्तुत करने से इनकार कर सकते हैं। इसके बजाय, हम चंगाई के परिणामों की ओर ले जाने के लिए परमेश्वर के भरोसेमंद मार्गदर्शन, उसके वचन पर निर्भर हो सकते हैं। ऐसा करना कोई भी सीख सकता है..
प्रभु के वचन में सांस लें और प्रभु के एक बच्चे के रूप में गर्मजोशी और आराम महसूस करें क्योंकि यहीं से उनका आशीर्वाद शुरू होता है..
और उनके लिए जो मसीह में हैं, वे कभी समाप्त नहीं होते..!
“हम जानते हैं, कि जो परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं, और उनके लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं….”(रोमन 8:28)

Archives

June 2

What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?

Continue Reading »

June 1

What shall we say, then? Shall we go on sinning so that grace may increase? By no means! We died to sin; how can we live in it any longer?

Continue Reading »

May 31

I have been crucified with Christ and I no longer live, but Christ lives in me. The life I live in the body, I live by faith in the Son

Continue Reading »