शून्यता ईश्वर के पास जाने के लिए एक आंख खोलने वाली बुलाहट है, जो एकमात्र स्रोत है, जो शून्यता को पूर्णता में बदल सकता है, और हमें अपनी पूर्णता और आशीर्वाद से भर सकता है, भले ही हमारे चारों ओर सब कुछ खालीपन रहे।
ईश्वर की अधिक से अधिक इच्छा करें जब तक कि वह न आ जाए और आपके जीवन में हर शून्य को भर न दे।
वह आपके हर प्रश्न उत्तर है जिसे तुम खोजते हो; आपकी हर जरूरत के लिए प्रावधान; आपको मिलने वाले हर आशीर्वाद का स्रोत; और हर अच्छे उपहार का दाता जो आपके जीवन को सुशोभित करता है..!
परमेश्वर की इच्छा है कि मनुष्य पूरी तरह से उसके सामने झुक जाए और उसके साथ पूरे दिल से सहयोग करे। साथ ही, यह परमेश्वर की इच्छा है कि वह अपने वादे के अनुरूप कोई भी और सब कुछ मांगने के लिए उन्हें डांटे बिना उदारतापूर्वक सभी मनुष्यों को दे दे, कि वे अपने भले और उसकी महिमा के लिए चाहते हैं या चाहते हैं।
“हे प्रभु अपने मार्ग मुझे बता; उन्हें मुझे ज्ञात करा। मुझे अपने सत्य के अनुसार जीना सिखा, क्योंकि तू मेरा परमेश्वर है, जो मुझे बचाता है। मुझे हमेशा आप पर भरोसा है.….”(स्त्रोत्र ग्रन्थ 25:4-5)
March 28
Where, then, is boasting? It is excluded. On what principle? On that of observing the law? No, but on that of faith. For we maintain that a man is justified