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जो अच्छा लगता है या सुनने में अच्छा लगता है वह हमेशा प्रभु की योजना नहीं होती..!
इसलिए जब निर्णय लेने की बात आती है तो आपको प्रभु से परामर्श करना होगा क्योंकि वे आपको उन परिस्थितियों से दूर कर सकते हैं जो सतह पर अच्छी लगती हैं लेकिन शैतान द्वारा परमेश्वर की सर्वोत्तम योजना को चुराने के लिए रूपांकित की गई हैं और आपकी शांति भी।
अपने हृदय की गहराई से ईश्वर पर भरोसा रखें;
सब कुछ अपने आप जानने की कोशिश मत करो।
आप जो कुछ भी करते हैं, जहां भी जाते हैं, वहां परमेश्वर की आवाज सुनें;
वह वही है जो आपको पटरी पर रखेगा।
यह मत समझो कि तुम सब जानते हो।
ईश्वर के पास भागो!
3 परमेश्वर से सही निर्णय लेने के लिए कहने के तरीके:
– प्रार्थना करें और निर्णय लेते समय ईश्वर की ख़ोज करें
– निर्णय लेते समय पवित्र बाईबल का अध्ययन करें।
– निर्णय लेते समय ईश्वरीय सलाह लें
यहोवा कहता है, “मैं तुम्हारे जीवन के सर्वोत्तम मार्ग पर तुम्हारा मार्गदर्शन करूंगा। मैं आपको सलाह दूंगा और आप पर नजर रखूंगा ..
“यह ईश्वर का संदेश है, ईश्वर जिसने पृथ्वी को बनाया, इसे रहने योग्य और स्थायी बनाया, हर जगह ईश्वर के रूप में जाना जाता है: ‘मुझे पुकारो और मैं तुम्हें उत्तर दूंगा। मैं आपको अदभुद और चमत्कारिक बातें बताऊंगा जो आप कभी भी अपने दम पर नहीं समझ पाएंगे।’”……”(यिरमियाह 33:2-3‬)

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May 10

He who heeds discipline shows the way to life, but whoever ignores correction leads others astray. —Proverbs 10:17. Discipline is not only essential for us, but also for those who

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May 9

However, as it is written: “No eye has seen, no ear has heard, no mind has conceived what God has prepared for those who love him.” —1 Corinthians 2:9. Children’s

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May 8

Who is wise and understanding among you? Let him show it by his good life, by deeds done in the humility that comes from wisdom. —James 3:13. Wisdom isn’t shown

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