ज्ञान की दुनिया का प्रवेश विश्वास से शुरू होता है..!
हम केवल अपनी कल्पना की सीमा तक सीमित हैं – इसलिए बड़ा सोचें और विश्वास करें, क्योंकि हमारे विचारों की लोच (खिंचाव-क्षमता) हमारी सफलता की सीमाओं को निर्धारित करती है।.
आप वही हैं जो आप सोचते हैं और आपके फल की जड़ आपके विचार हैं।.
आपके सोचने के तरीके को बदलने से आपका नजरिया (दृष्टिकोण, नज़रिया, दिमाग का ढांचा) बदल जाता है जो दुनिया में आपके कार्य करने के तरीके को बदल देता है।
यीशु ने लोगों को अपनी सोच बदलने की चुनौती दी..
जब आप परमेश्वर के वचन से बड़ा सोचते और विश्वास करते हैं तो आप बड़े और ईश्वरीय परिणाम प्राप्त करते हैं।
जहां विश्वास है वहां जीत है..!!
“परमेश्वर हमेशा अपने अनुग्रह को मसीह में दृश्यमान बनाता है, जो हमें उसकी अंतहीन विजय के भागीदार के रूप में शामिल करता है। हमारे दिए हुए जीवन के माध्यम से वे जहाँ भी जाते हैं ईश्वर के ज्ञान की सुगंध फैलाते हैं.…..”(2 कोरिंथियों 2:14)
April 2
But God chose the foolish things of the world to shame the wise; God chose the weak things of the world to shame the strong. —1 Corinthians 1:27. The Cross