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ईश्वर को उन सभी कारणों को न बताएं जिन्हें आप आशीर्वाद नहीं दे सकते, आप ठीक नहीं हो सकते, आप अपने सपने को पूरा नहीं कर सकते।
आप इसे सिर्फ मानवीय नजरिए से देख रहे हैं – एक नया नजरिया रखें..
इसे उस नज़र से देखें जिस तरह से परमेश्वर इसे देखता है और जो उसने अपने वचन में कहा है उस पर विश्वास करना चुनें।
अपने विश्वास को बढ़ाओ! अपने विश्वास को बढ़ाओ!
निम्नलिखित पर विचार करें जब यह उन तरीकों की बात आती है जो परमेश्वर आपको बताना चाहते हैं:
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ करें।
परमेश्वर चाहता है कि आप कुछ करना बंद कर दें।
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ दें।
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ कहें।
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ कहना बंद कर दें।
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ बेचें।
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ खरीदें। (संभवत: किसी व्यक्ति या सेवाकाई की जरूरत के लिए)
भगवान चाहते हैं कि आप कुछ शुरू करें।
परमेश्वर चाहता है कि आप कुछ समाप्त करें।
भगवान चाहते हैं कि आप किसी से प्यार करें।
परमेश्वर आज आपको फैलाना चाहता है! उसके लिए खुले रहो! आपकी मदद करने के लिए आपके पास आपका कोच पवित्र आत्मा है..
जैसा कि आप निर्देशों का पालन करते हैं, भगवान आपके लिए असंभव चीजों को संभव बनाना चाहते हैं।
“यीशु ने उत्तर दिया, “मनुष्य के लिए जो असंभव है वह परमेश्वर से संभव है”……”(लूकस ‭18:27‬)

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April 27

“In your anger do not sin”: Do not let the sun go down while you are still angry, and do not give the devil a foothold. —Ephesians 4:26-27. Pent-up anger

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April 26

[Jesus] was delivered over to death for our sins and was raised to life for our justification. —Romans 4:25. Why are the Cross and the Empty Tomb so important? Everything

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April 25

“Consider carefully what you hear,” [Jesus] continued. “With the measure you use, it will be measured to you — and even more. Whoever has will be given more; whoever does

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