अगर आपको प्रभु द्वारा नियुक्त किया जाता है तो आपको मनुष्य द्वारा अनुमोदित होने की आवश्यकता नहीं है..!
क्योंकि प्रभु की नियुक्ति के अलावा कोई अधिकार नहीं है, और जो अधिकारी मौजूद हैं वे प्रभु द्वारा स्थापित किए गए हैं।
“वही है जो समयों और ऋतुओं को बदलता है;
वह राजाओं को हटाकर राजाओं की स्थापना करता है।
वह बुद्धिमानों को ज्ञान देता है
और समझ रखने वालों को बड़ी प्रज्ञा !..
परन्तु परमेश्वर उन अगुवों को भी उस अधिकार से सम्मानित करने के लिए उत्तरदायी ठहराता है जो वह उन्हें देता है।
राजाओं के लिए दुष्ट व्यवहार करना ईश्वर और मनुष्य के लिए घृणित है, क्योंकि धार्मिकता पर एक सिंहासन स्थापित होता है – ईश्वर के साथ सही खड़ा होता है ..
“अधिकारी परमेश्वर के सेवक हैं, जो आपकी भलाई के लिए भेजे गए हैं”…”(रोमियोँ 13:4)
January 4
be made new in the attitude of your minds… —Ephesians 4:23 Remember, our verse today comes from Paul’s challenge to put off our old way of life (Ephesians 4:22-24). As