ईर्ष्या, क्रोध, नाराजगी और असुरक्षा सब भय में उबल जाते हैं..!
और आमतौर पर इसका आपसे बहुत कम लेना देना होता है और दूसरों और उनके अपने जीवन के बारे में अधिक होता है..
वे शायद अपने जीवन की तुलना आपके साथ कर रहे हैं और डरते हैं कि वे माप नहीं पाएंगे।
“भयभीत मन वालों से कहो, “मजबूत बनो, और मत डरो, क्योंकि तुम्हारा ईश्वर तुम्हें बचाने आया है” ….”(इसायाह 35:4)
June 4
Even youths grow tired and weary, and young men stumble and fall; but those who hope in the Lord will renew their strength. They will soar on wings like eagles; they