हमारा विश्वास तब नहीं पनपता जब हम सोचते हैं कि हमारे पास कितना विश्वास है; यह तब उगता है जब हम अपने ईश्वर को देखते हैं ..
ईश्वर में विश्वास उस पर एक सक्रिय निर्भरता है, न कि उसकी निर्भरता के बारे में एक निष्क्रिय दावा (घोषणा)•••••
मैं पहाड़ों की ओर देखता हूँ;
क्या मेरी ताकत पहाड़ों से आती है?
नहीं, मेरी ताकत ईश्वर से आती है,
जिसने स्वर्ग, और पृथ्वी, और पहाड़ों को बनाया••••
क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर प्रभु हूं
जो आपका दाहिना हाथ पकड़ता है
और तुमसे कहता है, डरो मत;
मैं आपकी मदद करूँगा..
“ईश्वर और उस शक्ति को ढूंढ़ो जो वह देता है! लगातार उसकी उपस्थिति की तलाश करो!….”(1 इतिहास 16:11)
Day 18
Some men came carrying a paralytic on a mat and tried to take him into the house to lay him before Jesus. — Luke 5:18. What is the best example of