जीवन में परिस्थितियों को देखने के दो पहलू होते हैं..
यदि आप चोट पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप पीड़ित होते रहेंगे..
यदि आप सीख पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो आप बढ़ते रहेंगे..
बुद्धिमानी से चुनें और प्रभु पर भरोसा रखें..
आपके वचन की शिक्षा प्रकाश देती है, इसलिए सरलता से समझा जा सकता है..
अनंत परमेश्वर तेरा शरणस्थान और निवास्थान है, और नीचे सनातन भुजाएं हैं; उसने तेरे साम्हने से शत्रु को खदेड़ दिया, और कहा, ‘नाश कर!..
परिपूर्ण, पूर्ण शांति उन्हें घेर लेती है
जिनकी कल्पनाएँ तुम्हारे साथ भस्म हो गई हैं;
वे आप पर पूरा भरोसा करते हैं।
हाँ, यहोवा यहोवा पर सदा सर्वदा भरोसा रखो!
यहोवा के लिए, यहोवा परमेश्वर, आपकी युग की चट्टान है! ..
“और हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उनके लिए उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाए जाते हैं, उनके लिए परमेश्वर सब कुछ एक साथ मिलकर काम करता है…।.”(रोमियों 8:28)
May 16
Be very careful, then, how you live — not as unwise but as wise, making the most of every opportunity, because the days are evil. —Ephesians 5:15. Living with urgency