इस जीवन की दौलत और इस दुनिया की चिन्ताएँ विश्वास में परिपक्वता में बाधा डाल सकती हैं, क्योंकि हम परमेश्वर और उसके वचन के बजाय सांसारिक चिंताओं और खजाने में व्यस्त हो जाते हैं..!
अपनी खुशी को किसी ऐसी चीज पर निर्भर न होने दें जिसे आप खो सकते हैं..
हमें संसार के पीछे भागने वाले नहीं बल्कि संसार को बदलने वाला कहा जाता है..
परमेश्वर का उल्लेखनीय, अपात्र अनुग्रह जो उद्धार लाता है, सभी मनुष्यों पर प्रकट हो गया है। यह हमें अभक्ति और सांसारिक अनैतिक इच्छाओं को अस्वीकार करना, और समझदार, सीधा और ईश्वरीय जीवन जीना सिखाता है; एक के साथ रहने के लिए जो इस विविध युग में वयस्कता में है।
मसीह तुम्हारे लिए मरा। उसके लिए जियो। मसीह को अपनी महत्वाकांक्षा होने दो। मसीह को अपना ध्यान होने दें..
“जो बीज कांटों में गिरे थे, वे वे हैं जिन्होंने सुना है, परन्तु जब वे चलते हैं, तो वे इस जीवन की चिंताओं और धन और सुखों से घुट जाते हैं, और वे कुछ भी नहीं लाते हैं।.……”(लूकस 8:14)
May 7
[The Lord said to Israel,] “I am the Lord your God, who brought you out of Egypt, out of the land of slavery. You shall have no other gods before me.” — Deuteronomy