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निर्णय लेते समय विश्वास और नैतिकता को एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करना चाहिए••••
प्रभु ने हमें एक अमर आत्मा दी है और बुद्धि और तर्क के उपहारों के माध्यम से, हमें उनकी रचना में स्थापित चीजों के क्रम को समझने में सक्षम बनाता है••••
शब्द को अपना मानक बनाएं..!
धिक्कार है उन पर जो बुराई को अच्छा और अच्छाई को बुरा कहते हैं, जो अँधेरे को उजाला और उजाले को अँधेरे में रखते हैं, जो कड़वे को मीठा और मीठे को कड़वा बना देते हैं••••
इसलिए अपने आप को भलाई के साथ अपने विश्वास को बढ़ाने के लिए समर्पित करें,
और भलाई में समझ जोड़ें,
और समझ में आत्म-संयम की शक्ति जोड़ें,
और आत्म-नियंत्रण के लिए संयम सहनशक्ति जोड़ें और भक्‍ति पर अपने भाइयों और बहनों पर दया करे और दूसरों पर दया करें।
और हम भले काम करते करते थके नहीं । अगर हम हार नहीं मानते हैं तो सही समय पर हम आशीर्वाद की फसल काटेंगे।
“तो मैं कहता हूं, यदि आप आत्मा के द्वारा संचालित होते हो तो तुम शरीर की वासनाओं को पूरा नहीं करोगे…।” (गलतियों 5:16‬)

Archives

May 8

But God demonstrates his own love for us in this: While we were still sinners, Christ died for us. —Romans 5:8. God didn’t wait till we were “good enough” to

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May 7

[The Lord said to Israel,] “I am the Lord your God, who brought you out of Egypt, out of the land of slavery. You shall have no other gods before me.” — Deuteronomy

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May 6

And hope does not disappoint us, because God has poured out his love into our hearts by the Holy Spirit, whom he has given us. —Romans 5:5.  The source of

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